रिश्तों में गणित ना लगाओ,रिश्तों में हिसाब उचित नहीं,लेन-देन भले ही चलता रहे,लेकिन वह पैसों का नहीं प्यार का हो;ज़िम्मेदारी किसीं एक की नहीं, सब की है,रिश्ता दिल से निभाना ज़रूरी हैं,किसींका उदार रखना अच्छा नहीं,फिर वह छोटीसीं छोटी मदत ही क्यों ना हो! इतना मुश्किल नहीं है कोई रिश्ता निभाना,लेकिन हम ही उसे उलझातेContinue reading “रिश्तों में गणित ना लगाओ”
