कैसा यह प्यार है, जिसमें बातें नहीं होतीं,सिर्फ़ तकरार होती है, जिसमें मुलाक़ातें नहीं होतीं,सिर्फ़ बेकरारी होती है, जिसमें मेरी चिंता नहीं होती,सिर्फ़ नाटक होता है, जिसमें सच्चाई नहीं होती,सिर्फ़ शक होता है, जिसमें भरोसा नहीं होता,सिर्फ़ संदेह होता है, जिसमें उम्मीद नहीं होती,सिर्फ़ सवाल होते हैं, जिसमें खुशी नहीं होती,सिर्फ़ गम होते हैं, जिसमेंContinue reading “बेचैन दिल”
