बेचैन दिल

कैसा यह प्यार है, जिसमें बातें नहीं होतीं,सिर्फ़ तकरार होती है, जिसमें मुलाक़ातें नहीं होतीं,सिर्फ़ बेकरारी होती है, जिसमें मेरी चिंता नहीं होती,सिर्फ़ नाटक होता है, जिसमें सच्चाई नहीं होती,सिर्फ़ शक होता है, जिसमें भरोसा नहीं होता,सिर्फ़ संदेह होता है, जिसमें उम्मीद नहीं होती,सिर्फ़ सवाल होते हैं, जिसमें खुशी नहीं होती,सिर्फ़ गम होते हैं, जिसमेंContinue reading “बेचैन दिल”

तिरंगा लहराए 🇮🇳

आसमाँ यह नीला,घना जंगल है हरा,सदा बहती नदियाँ,ताजी है हवा। चेहरे पर है मुस्कान,मन को मिला है आराम,यह जंग नहीं थी आसान,न जाने किस-किस का है बलिदान! अंग्रेजों के उड़ाके होश,किया उन्हें ख़ामोश,नया है यह जोश,दिल से बन गए सरफ़रोश! यह उजियाला है ख़ास,है उसमें आज़ादी की मिठास,ग़ुलामी का हुआ है विनाश,इस बात का हैContinue reading “तिरंगा लहराए 🇮🇳”

रिश्तों में गणित ना लगाओ

रिश्तों में गणित ना लगाओ,रिश्तों में हिसाब उचित नहीं,लेन-देन भले ही चलता रहे,लेकिन वह पैसों का नहीं प्यार का हो;ज़िम्मेदारी किसीं एक की नहीं, सब की है,रिश्ता दिल से निभाना ज़रूरी हैं,किसींका उदार रखना अच्छा नहीं,फिर वह छोटीसीं छोटी मदत ही क्यों ना हो! इतना मुश्किल नहीं है कोई रिश्ता निभाना,लेकिन हम ही उसे उलझातेContinue reading “रिश्तों में गणित ना लगाओ”

हँसते हुए अच्छे लगते हो

पल पल हर पल,बस यही ख़याल आता है,जो भी करूँ वह तुम्हारी सोचकर,क्योंकि तुम्हें अच्छा लगता है। संयम मुझमें बहुत है,लेकिन संतुष्टि है नहीं,जो भी करूँ वह तुम्हारी सोचकर,मेरी नियत में खोट नहीं। तुम्हें किसी बात की कमी ना पड़े,यह ज़िम्मेदारी है मेरी,जो भी करूँ वह तुम्हारी सोचकर,ऐसा मेरा प्रयास है जारी। तुम्हारा रूठ जाना,करताContinue reading “हँसते हुए अच्छे लगते हो”

हिंदी सबकी प्यारी हिंदी

हिंदी सबकी प्यारी हिंदी, अखंड भारत जोड़नेवाली, शान है यह भारतवासियोंकी, शर्म न करे इसे बोलनेकी, क्योंकि, हिंदी सबकी प्यारी हिंदी।

७५ साल स्वतंत्रता के

दुनिया के चाहे हम,क़िसी भी कोने में बसे हो,याद घर की आए बग़ैर,दिन हमारा कटता नहीं; लगाव इस देश से,कुछ अलग ही हैं हमारा,जिसे बयाँ करने के लिए,शब्द हमारे पास है नहीं; जुड़े है हम इस मिट्टी से,जुदा होने का सवाल ही कहाँ,गर्व होता हे यह कहते हुए,की भारत जैसा कोई देश नहीं; देश प्रेमContinue reading “७५ साल स्वतंत्रता के”

योग जीवन पद्धति है

निरोगी जीवन का राज़,छिपा है योग में,स्वस्थ रहे तन और मन,अपनाके इसे जीवन में। सूक्ष्म व्यायाम लाए जोश,शरीर के अंग करे शिथिल,योगाभ्यास का लाभ मिले,मन हो जाए सुशील। बारह योगासनों का क्रम,मिलाकर बने सूर्य-नमस्कार,इस सर्वश्रेष्ठ आसन कि,सभी को है दरकार। मयूरासन जैसे अनेक है,उन्नत योग की शैली,तथा बालासन की बात,है ही कुछ निराली। ताड़ासन सेContinue reading “योग जीवन पद्धति है”

अंधेरा अच्छा लगता है

कही बार ऐसा होता है,उजाला कुछ ऐसा दिखा देता है,जिससे बनती बात बिगड़ जाती है,तब अंधेरा अच्छा लगता है! कई ऐसे काम है,जो उजाले में नहीं कर सकते है,मन बेबस हो जाता है,तब अंधेरा अच्छा लगता है! सच कड़वा होता है,उसे स्वीकार करना मुश्किल होता है,जब ऐसी स्तिथि आती है,तब अंधेरा अच्छा लगता है! जोContinue reading “अंधेरा अच्छा लगता है”