
दुनिया के चाहे हम,
क़िसी भी कोने में बसे हो,
याद घर की आए बग़ैर,
दिन हमारा कटता नहीं;
लगाव इस देश से,
कुछ अलग ही हैं हमारा,
जिसे बयाँ करने के लिए,
शब्द हमारे पास है नहीं;
जुड़े है हम इस मिट्टी से,
जुदा होने का सवाल ही कहाँ,
गर्व होता हे यह कहते हुए,
की भारत जैसा कोई देश नहीं;
देश प्रेम की भावना से,
लहराया इस साल,
घर घर तिरंगा,
जिस की कोई मिसाल नहीं!
सलाम करते है इस राष्ट्रध्वज को,
आज इस ख़ास अवसर पर,
७५ साल स्वतंत्रता के मानते है,
कसर कोई छोड़ेंगे नहीं!!!
