योग जीवन पद्धति है

निरोगी जीवन का राज़,
छिपा है योग में,
स्वस्थ रहे तन और मन,
अपनाके इसे जीवन में।

सूक्ष्म व्यायाम लाए जोश,
शरीर के अंग करे शिथिल,
योगाभ्यास का लाभ मिले,
मन हो जाए सुशील।

बारह योगासनों का क्रम,
मिलाकर बने सूर्य-नमस्कार,
इस सर्वश्रेष्ठ आसन कि,
सभी को है दरकार।

मयूरासन जैसे अनेक है,
उन्नत योग की शैली,
तथा बालासन की बात,
है ही कुछ निराली।

ताड़ासन से मिले,
संतुलित होने का मज़ा,
शीर्षासन ही है,
योगासनोंका राजा।

क्रियाशीलता से आरम्भ,
होता है हर योगासन,
शरीर को पूर्ण विश्राम दे,
वह योग शवासन।

प्राणायाम के विभिन्न प्रकार,
भ्रामरी, भस्त्रिका, शीतलि,
उनको मिले मुद्राओं का साथ,
प्राण, ज्ञान और पृथ्वी।

शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक,
का सम्पूर्ण मिश्रण है,
इसीलिए तो,
योग जीवन पद्धति है!

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